तेरी चाहत ने मुझे किया है दिवाना,
इसी ने बनाया है मुझे अपनों से बेगाना,
पर मुझे अब तक समझ न आया,
वों तेरा नज़रे मिला के पलके झुकाना|
***
जुल्फों के साये में, आखों में डूब के,
जिंदगी अपनी हम बिता देंगें|
लाने को लबो पे हँसी तेरे
हम अपनी जान तक लूटा देंगें|
2001
www.kavyalok.com
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इसी ने बनाया है मुझे अपनों से बेगाना,
पर मुझे अब तक समझ न आया,
वों तेरा नज़रे मिला के पलके झुकाना|
***
जुल्फों के साये में, आखों में डूब के,
जिंदगी अपनी हम बिता देंगें|
लाने को लबो पे हँसी तेरे
हम अपनी जान तक लूटा देंगें|
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1 comments:
संजय भास्कर said...
दिल के सुंदर एहसास
हमेशा की तरह आपकी रचना जानदार और शानदार है।