कुछ बता पिछले पहर ख़ुवाब में अन्य वाले,
किया वो दिन आयें गे फिर हम को मिलने वाले,
तुझ को आना ही न था, सिर्फ बहाने थे तेरे,
वरना आजाते हैं हर हाल में अन्य वाले,
उन निगाहों ने मुझे कतल सर-ए-आम किया,
देख्येअ आते हैं कब लाश उठाने वाले,
किसे ग़म कहार कहूँ और किसे हम दर्द कहूँ,
एक तेरे सिवा हें सब दिल को दुखाने वाले,
कुछ बता पिछले पहर खुआब में अन्य वाले,
किया वो दिन आयें गे फिर हम को मिलने वाले
Source: internet
www.kavyalok.com
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किया वो दिन आयें गे फिर हम को मिलने वाले,
तुझ को आना ही न था, सिर्फ बहाने थे तेरे,
वरना आजाते हैं हर हाल में अन्य वाले,
उन निगाहों ने मुझे कतल सर-ए-आम किया,
देख्येअ आते हैं कब लाश उठाने वाले,
किसे ग़म कहार कहूँ और किसे हम दर्द कहूँ,
एक तेरे सिवा हें सब दिल को दुखाने वाले,
कुछ बता पिछले पहर खुआब में अन्य वाले,
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1 comments:
ओशो रजनीश said...
अच्छी पंक्तिया लिखी है ........
इसे पढ़े और अपने विचार दे :-
कुछ अनसुलझे रहस्य ...१