डा राजेंद्र तेला "निरंतर" पेशे से दन्त चिकित्सक हैं| मरीजों को चिकित्सा द्वारा ही नहीं बल्कि अपने व्यंगात्मक लेखो द्वारा आराम देने का प्रयास किया| इन्हें बागबानी का शौक बचपन से रहा है,बागबानी पर तीन वर्षों तक पत्रिका"बगिया"का प्रकाशन और संपादन किया| आम जन को चिकित्सा के बारे मैं जानकारी प्रदान करने के लिए दो पुस्तकें लिखी-स्वास्थ्य दर्पण और संतुलित भोजन| यही नहीं खेलों से भी लगाव हमेशा से रहा है| खेल प्रशासक के रूप मैं १९८५ से कार्यरत हैं| समाजसेवा के लिए "कॉमन कॉज सोसाइटी",अजमेर का गठन किया| अजमेर की विश्व प्रसिद्द पुष्कर झील और सुप्रसिद्ध आना सागर झील के संरक्षण लिए संस्था ने सफल संघर्ष किया| पर्यावरण के दुश्मन, पौलीथीन पर रोक लगाने हेतु, जन हित याचिका हाईकोर्ट मैं दायर की| उसके दबाव मैं सरकार को पोलिथीन पर १ अगस्त से पाबन्दी लगानी पड़ी। वर्तमान में वे, राजस्थान टेबल टेनिस असोसीएशन के चेयरमैन है| कॉमन कॉज सोसाइटी, अजमेर के अध्यक्ष एवम कई अन्य संस्थाओं से जुड़े हुए हैं।समाज और व्यक्तियों में व्याप्त दोहरेपन ने हमेशा से उन्हें कचोटा है| अपने विचारों, अनुभवों और जीवन को करीब से देखने से उत्पन्न मिश्रण को कलम द्वारा कागज़ पर उकेरने के प्रयास के फलस्वरूप १ अगस्त २०१० से लिखना प्रारंभ किया। मित्र के लेखन से प्रोत्साहित हो,अभिव्यक्ति और भावनाओं की यात्रा पर निकल पड़े, राजेंद्र जी, सच में सिर्फ कई गुणों से संपन्न ही नहीं बल्कि अपने वक्तितव एवं क़ाबलियत के प्रकाश से समाज को नई दिशा दिखा रहे हैं। आपके लेख http://nirantar-ki-kalam-se.blogspot.com/ पढ़े जा सकते है |
काव्यलोक पर डा राजेंद्र तेला "निरंतर" का योगदान किसी से छुपा नहीं हैं| अब तक इन्होने 125 से अधिक लेखो से काव्यलोक को आलंकृत किया है| आपका अपनापन और सुझावों का हमारी अब तक की यात्रा में बहुत ही योगदान है | हम आपकी लम्बी आयु, सुख एवं स्म्रिधि की सदा ही कामना करते है |
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