मैंने कब माँगा था की, बात मेरी सब तू मान ले...
पर कभी तो हंस के देख ले, कभी तो अपना जान ले...

maine kab maanga tha ki, baat meri sab tu maan le...
per kabhi to hans ke dekh le, kabhi to apna jaan le...


Please give comment on what you get from poem(story or emotion).

http://anand-tasawwur.blogspot.com/


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2 comments:

    संजय भास्‍कर said...

    मैंने कब माँगा था की, बात मेरी सब तू मान ले...
    पर कभी तो हंस के देख ले, कभी तो अपना जान ले...




    बहुत खूब .जाने क्या क्या कह डाला इन चंद पंक्तियों में

  1. ... on March 25, 2010 at 3:33 AM  
  2. संजय भास्‍कर said...

    मैंने कब माँगा था की, बात मेरी सब तू मान ले...
    पर कभी तो हंस के देख ले, कभी तो अपना जान ले...




    बहुत खूब .जाने क्या क्या कह डाला इन चंद पंक्तियों में

  3. ... on March 25, 2010 at 3:33 AM